ज्योतिषीय जरूरी जानकारी-I

ज्योतिषीय जरूरी जानकारी-I ज्योतिष अर्थात ज्योति + ईश अर्थात ईश्वर द्वारा प्रदत्त वह ज्योति जिसके माध्यम से आकाश गंगा में स्थित सभी नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुद्ध, बृहस्पति, शुक्र, शनि और छाया ग्रह राहू एवं केतू) की स्थिति एवं गति की गणना करके किसी व्यक्ति के जीवन में इनके प्रभाव से कब कब और क्या क्या घटनाएं घटित होंगी, इसका आकलन किया जाता है ज्योतिष कहलाता है । ज्योतिष के द्वारा फलित या घटनाओं का आकलन करने की अनेक विधियां प्रचलित प्रचलित हैं । ----------------------------------------- भारतीय वैदिक ज्योतिष का प्रारम्भ कब हुआ इसके सम्बन्ध में कोई ठीक ठीक जानकारी नहीं है । लेकिन यह निर्विवाद रूप से माना जाता है कि यह एक अति प्राचीन विषय है जिसमें विभिन्न पद्धतियों और विधियों का प्रयोग होता है । आज इक्कीसवीं सदी में और इस विकसित वैज्ञानिक युग में हम यह कह सकते हैं कि ज्योतिष एक उच्च स्तर का ज्योतिषीय गणितीय विज्ञान (Astrological Mathematical Science) है क्योंकि ज्योतिष ही यह दावा कर सकता है कि समय की पुनरावृत्ति असंभव है और एक व्यक्ति के व्यक्तित्व जैसा दूसरा कोई व्यक्ति हो ही नहीं सकता । इसको हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि प्रचलित मान्यता के अनुसार विष्णु - राम - कृष्ण तीनों एक ही हैं लेकिन तीनों का चरित्र, रूप, कार्यशैली बिलकुल भिन्न भिन्न है । कारण केवल एक ही है समय और स्थान क्योंकि इन तीनों के अवतरित होने का समय और स्थान अलग हैं । ----------------------------------------- जहाँ और जब विज्ञान की सीमाएं समाप्त हो जाती हैं तब वहीं से ज्योतिष और आस्था की शुरुआत होती है । दूसरे शब्दों में मज़बूरी का नाम ज्योतिष और आस्था कह सकते हैं । मैंने अपने ज्योतिषीय जीवन काल में बड़े बड़े धुरंधरों को ज्योतिष के सामने दंडवत होते देखा है । ज्योतिष और आस्था के आगे दंडवत होने के बाद जब कभी सकारात्मक या इच्छानुकूल परिणाम प्राप्त होते हैं तो उसको चमत्कार का नाम दे दिया जाता है जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और जब यही तथाकथित चमत्कार बड़ी मात्रा में लोगों के बीच जाता है तो परिणाम स्वरुप ठग / शातिर / अज्ञानी / अल्पज्ञानी ज्योतिषियों की फौज खड़ी हो जाती है । चंद रुपयों के बदले जीवन में चमत्कार की आशा लिए लोग इन्हीं जैसे लोगों के पास चक्कर लगते रहते हैं और इन लोगों की इसी मानसिकता के कारण आज ज्योतिष जैसा उच्च स्तर का विज्ञान जहाँ तहाँ फुटपाथ पर भी बिकता नज़र आता है । क्योंकि एक शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं उत्तम परिणाम देने वाले ज्योतिष का मिलना आम लोगों के लिए लगभग असंभव नहीं तो अत्यंत मुश्किल अवश्य है क्योंकि इसके अनेकों कारण हैं। ----------------------------------------- भारतीय ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन में अधिकतम सुख 40% और न्यूमतम दुःख 60% की सीमाएं ही निर्धारित हैं इसलिए सदैव याद रखें कि पूर्व निर्धारित जीवन में कुछ परिवर्तन केवल कर्म, वास्तु और मुहूर्त के माध्यम से ही संभव है । -------------------------------------------- आज समाज में आत्मविश्वास बढ़े और अन्धविश्वास भागे इसी के सन्दर्भ में मैनें यह लेख अपने प्राप्त ज्योतिष ज्ञान, ज्योतिष शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव, सामाजिक एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखा है । इस सम्बन्ध में यदि भ्रम की स्थिति हो और आवश्यक लगे तो किसी शिक्षित, ज्ञानी एवं अनुभवी ज्योतिषी से समय रहते परामर्श प्राप्त किया जा सकता है...! 🙏🌹🌹🙏 अग्रिम शुभकामनायें ...! सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य कुंडली, नामशास्त्री, रंगशास्त्री, अंकशास्त्री, वास्तुशास्त्री, मुहूर्त ------------------------------ केवल ज्योतिष - चमत्कार नहीं आत्मविश्वास बढ़ाएं - अन्धविश्वास भगाएं www.astroshakti.in [email protected] www.facebook.com/astroshakti

Written & Posted By : Subhash Verma Astrologer
Dated :

Back to Jyotish Shakti

Login