ज्योतिष - ज्योतिषी – जातक

ज्योतिष भारतीय प्राचीन ग्रंथों एवं शास्त्रों के अनुसार कुल 9 ग्रहों, 27 नक्षत्रों, 12 राशियों की आकाश गंगा में स्थिति एवं गति या चाल की गणना करने की जो पद्धति या विधि है वह ज्योतिष कहलाता है । इसके नियम बिलकुल अचूक हैं और आज हज़ारों वर्षों के बाद बह वही परिणाम दे रहे हैं । ज्योतिषी ज्योतिष की विधियों को जानने वाला या इन विधियों का प्रयोग करके जो व्यक्ति परिणाम देता है वह ज्योतिषी कहलाता है । ज्योतिष के अंतर्गत गणना करके परिणाम देने वाली अनेकों विधियां प्रचलित हैं । लेकिन भारत में जन्म कुंडली या प्रश्न कुंडली देखकर फलित या ज्योतिषीय परिणाम देना ही अधिक विश्वसनीय माना जाता है और है भी । इसके अनुसार जो व्यक्ति कुंडली के 12 भावों में 12 राशियों , 9 ग्रहों और 27 नक्षत्रों की जन्मकालीन स्थिति और वर्तमान स्थिति की गणना के साथ ही कुंडली में स्थित योग एवं वर्तमान दशा के अनुसार परिणाम देता या बताता है वह ज्योतिषी कहलाता है । आज विज्ञान के बाद परमात्मा और परमात्मा के बाद ज्योतिषी ही सबसे अधिक विश्वसनीय और पूज्यनीय होता है चाहे मज़बूरी में ही सही । ऐसा मेरा मानना है । जातक ज्योतिष विधि को जानने वाला अर्थात ज्योतिषी , जिस व्यक्ति की कुंडली देखकर उसको परामर्श देता है वह जातक कहलाता है या जो व्यक्ति अपनी समस्याओं के समाधान हेतु ज्योतिषी के पास जाता है वह व्यक्ति ज्योतिष शब्दकोष में जातक कहलाता है । जातक को ज्योतिषी पर पूरी आस्था होनी चाहिए और ज्योतिषी की ज्योतिष पर पूरी आस्था होनी चाहिए तभी कुछ सुखद परिणामों की सम्भावना सफल हो सकती है । # स्मरण रहे भारतीय ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन में अधिकतम सुख 40% और न्यूनतम दुःख 60% होता है आज समाज में आत्मविश्वास बढ़े और अन्धविश्वास भागे इसी के सन्दर्भ में मैनें यह लेख अपने प्राप्त ज्योतिष ज्ञान, ज्योतिष शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव, सामाजिक एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखा है । शुभकामनाओं सहित धन्यवाद ! सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य ज्योतिषाचार्य-रंगशास्त्री-नामशास्त्री-अंकशास्त्री-वास्तुशास्त्री-मुहूर्त www.astroshakti.in [email protected] www.astroshakti.in

Written & Posted By : Subhash Verma Astrologer
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