कष्टकारी चन्द्रमा *************** वैसे तो इंसानी जीवन में सभी ग्रहों का अपना अपना महत्त्व है लेकिन चन्द्रमा का इसमें विशेष महत्त्व है, क्योंकि व्यक्ति का मन एवं मस्तिष्क सीधे तौर पर इसके प्रभाव में रहता है, और जिसका मन और मस्तिष्क जितना स्वस्थ होगा जीवन भी उतना ही स्वस्थ और सुखी रहेगा...! --------------------------------- इसलिए यदि किसी भी जन्म या लग्न कुंडली में चन्द्रमा, प्रत्यक्ष रूप से शनि और राहु से प्रभावित हो तो व्यक्ति की मानसिक स्थिति सीधे तौर पर नकारात्मकता के साथ प्रभावित हो जाती है और यदि इसमें द्वादश या द्वादशेश का भी प्रभाव शामिल हो जाता है तो स्थिति और भी कष्टकारी हो सकती है..! ---------------------------------------- ध्यान रहे कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से शनि के अलावा राहु और द्वादशेश की महादशा या अन्तर्दशा भी स्थिति को अति कष्टकारी बना सकती है, ऐसे लोगों को नवमांश कुंडली में शायद कुछ राहत मिल सकती है, इसके लिए आवश्यकता है समय रहते किसी ज्ञानी एवं अनुभवी ज्योतिषी से ही इस विषय में परामर्श प्राप्ति की..! -------------------------------- ऐसे व्यक्ति पर यदि अमावस्या एवं पूर्णमासी के दिन और इससे एक दिन पहले और एक दिन बाद, अर्थात कुल तीन दिन तक नज़र रखी जाय तो हम काफी कुछ जान और समझ सकते हैं...! --------------------------------------- यदि स्थिति अधिक कष्टकारी हो तो इसके लिए किसी चमत्कार में पड़ने के बजाय आवश्यकता है समय रहते किसी ज्ञानी एवं अनुभवी ज्योतिषी से ही इस विषय में परामर्श की या जो भी आप उचित समझें, लेकिन ऐसे मामलों में "बहुत कुछ खो कर कुछ पाने की प्रवृत्ति से बचें" और समय रहते निर्णय जरूर लें...! 🙏🌹🌹🙏 अग्रिम शुभकामनायें ...! सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य ज्योतिषाचार्य, नामशास्त्री, रंगशास्त्री, अंकशास्त्री, वास्तुशास्त्री, कुंडली, मुहूर्त www.ASTROSHAKTI.in केवल ज्योतिष - चमत्कार नहीं आत्मविश्वास बढ़ाएं - अन्धविश्वास भगाएं ------------------------------------- [email protected] www.facebook.com/astroshakti