ज्योतिषीय सूर्य और आप ************************ भारतीय ज्योतिष के अनुसार सूर्य किसी के भी जीवन में सफलता के जबरजस्त करक ग्रह हैं। ज्योतिष में सभी नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतू) में इनको राजा के रूप में माना एवं जाना जाता है। -------------------- इनकी शक्ति का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सूर्य के समीप अर्थात एक निश्चित अंशों के अंदर आने पर चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि ग्रह अस्त हो जाते हैं अर्थात उनका अपना प्रभाव समाप्त हो जाता है -------------------------- सूर्य मेष राशि में उच्च का और तुला राशि में नीच एवं सिंह राशि में स्वगृही ग्रह माना जाता है। कुल 6 वर्षों की इनकी ज्योतिषीय दशा होती है और प्रति वर्ष हर एक राशि में ये 30 दिन भ्रमण (गोचर) करते हैं या रहते हैं। गोचर के समय कुंडली के तीसरे, छठें, दसवें और ग्यारहवें घर या भाव में ये शुभ फल देने के लिए प्रतिबद्ध हैं अर्थात अपने गोचर के अनुसार ये जातक को प्रति वर्ष अधिकतम 120 दिन शुभ फल दे सकते हैं अतः आप इनका लाभ अवश्य उठायें...! ----------------------------- आत्मविश्वास, ऊर्जा, ज्ञान, प्रशासनिक क्षमता, निर्णय लेने की दक्षता, संवेदनशीलता, उच्च स्तर की समझदारी, रचनात्मक, दूरदृष्टि, प्रकृति प्रेम, कम बोलना, पराक्रम, नेत्र, आकर्षक व्यक्तित्व, पूर्व दिशा इत्यादि के ये कारक हैं, अकेले सूर्य से 25 से अधिक ज्योतिषी योगों का निर्माण होता है...! ------------------------------ अतः सभी जातकों से मेरा अनुरोध है कि आप अपने सूर्य के बारे में जरूर जानें और इसके साथ ही जीवन में सूर्य की शुभता में वृद्धि एवं अशुभता में कमी या सूर्य से अधिकतम लाभ एवं न्यूनतम हानि के लिए समय रहते किसी ज्ञानी और अनुभवी ज्योतिषी से अवश्य संपर्क कर परामर्श प्राप्त करें...! 🙏🌹🌹🙏 अग्रिम शुभकामनायें ...! सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य कुंडली, नामशास्त्री, रंगशास्त्री, अंकशास्त्री, वास्तुशास्त्री, मुहूर्त ---------------------------- केवल ज्योतिष - चमत्कार नहीं आत्मविश्वास बढ़ाएं - अन्धविश्वास भगाएं ----------------------------- www.astroshakti.in [email protected] www.facebook.com/astroshakti