ज्योतिषीय बुध और आप ********************** ज्योतिष में बुध, नैसर्गिक शुभ ग्रहों की श्रेणी में आता है और राजसिक गुण इसकी प्रकृति है... 17 वर्षों की इसकी ज्योतिषीय दशा होती है और गोचर में यह एक राशि में लगभग 25 दिन रहता है... सूर्य एवं शुक्र इसके नैसर्गिक मित्र हैं और चन्द्रमा इसका नैसर्गिक शत्रु जबकि चन्द्रमा, बुध को अपना मित्र मानता है... कुंडली में यह सूर्य के आगे या पीछे ही रहता है अर्थात अधिकतम 27 अंशों की सीमा में ही रहता है और सूर्य से 14 अंशों तक (सीधी गति में) और 12 अंशों तक (वक्री गति में) अस्त हो रहता है...! -------------------------------- ज्योतिष में बुध को बुद्धि का प्रतीक माना जाता है और वाणी, चालाकी, तार्किक संवाद, धन एवं समृद्धि का कारक है बुध इसीलिए इसको व्यापार का कारक भी कहा जाता है...! सामान्यतः बुध को बुधादित्य योग के नाम या रूप में ही जाना जाता है जबकि स्वास्थ, मस्तिष्क, यादाश्त, बोलने, सुनने अर्थात कान, नाक, गला को यह प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है साथ ही ज्योतिष में 25 से अधिक योगों का निर्माण बुध से होता है...! --------------------------------- किशोर अवस्था तक उत्तम शिक्षा के लिए, युवा अवस्था में धनोपार्जन के लिए और बृद्धा अवस्था में अच्छे स्वास्थ के लिए बुध का अच्छा होना आवश्यक है...! पुरुष और स्त्री दोनों के लिए इसका शुभ होना बहुत जरूरी है अन्यथा जीवन में बहुत सारी समस्याएं हो सकती हैं...! सदैव स्मरण रहे कि सुखद, संतुष्ट एवं सफल विवाहित जीवन के लिए बुध का अच्छा होना बहुत ही आवश्यक है...! ------------------------------------ अतः सभी जातकों से मेरा अनुरोध है कि आप अपने बुध के बारे में जरूर जानें और इसके साथ ही जीवन में बुध की शुभता में वृद्धि एवं अशुभता में कमी या बुध से अधिकतम लाभ एवं न्यूनतम हानि के लिए समय रहते किसी शिक्षित, ज्ञानी और अनुभवी ज्योतिषी से अवश्य संपर्क कर परामर्श प्राप्त करें...! 🙏🌹🌹🙏 अग्रिम शुभकामनायें ...! सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य कुंडली, नामशास्त्री, रंगशास्त्री, अंकशास्त्री, वास्तुशास्त्री, मुहूर्त -------------------------------- केवल ज्योतिष - चमत्कार नहीं आत्मविश्वास बढ़ाएं - अन्धविश्वास भगाएं www.astroshakti.in [email protected] www.facebook.com/astroshakti