लग्नेश द्वादश में (वृषभ / शुक्र) ज्योतिषीय कुंडली में द्वादश भाव व्यय भाव के नाम से जाना जाता है अर्थात मृत्यु, मोक्ष, ज्यादा व्यय, बड़ी शारीरिक एवं आर्थिक हानि, असाध्य पीड़ा, हॉस्पिटल का आईसीयू, बदनामी या लांछन, जेल एवं विदेश यात्रा इसके कारक तत्व हैं...! द्वादश भाव का कारक ग्रह शनि होता है लेकिन मोक्ष के सम्बन्ध में इसका कारक केतु ग्रह को माना जाता है...! अर्थात अत्यधिक व्यय या क्षय, चौतरफा हानि, मृत्यु और मोक्ष के रूप में इस भाव को जाना जाता है या इसकी पहचान है...! सामान्यतः इस द्वादश भाव का स्वामी अर्थात द्वादशेश और इसमें बैठे ग्रह, सम्बंधित व्यक्ति को हानि या कष्ट ही देते हैं...! और सामान्यतः द्वादश में बैठे ग्रह और द्वादशेश की दशा और अन्तर्दशा भी कष्टकारी ही रहती है...! ऐसे में यदि जन्म कुंडली में लग्नेश द्वादश भाव में चला जाय तो सम्बंधित व्यक्ति के लिए सामान्यतः जीवन बहुत ही कष्टकारी रहता है...! ---------------------------------------------------- "वृषभ लग्न" की कुंडली में "लग्नेश शुक्र" यदि द्वादश भाव अर्थात मेष राशि में चला जाय तो क्या क्या हो सकता है या क्या क्या संभावनाएं बनती हैं, यह जानने का प्रयास करते हैं :- 1. प्रेम या प्यार में ज्यादा खर्चा हो सकता है 2. गुप्त रोग एवं अत्यधिक मानसिक तनाव की सम्भावना रहती है 3. व्यक्ति अनैतिक कार्यों में लिप्त हो सकता है 4. अति महत्वाकांक्षी व्यक्तित्व हो सकता है 5. अत्यधिक भोग विलास वाला व्यक्तित्व हो सकता है 6. खर्च की अधिकता रहती है 7 . पुरुषार्थ का पूरा फल नहीं मिलता है ----------------------------------------------------- यह कुछ संभावनाएं हैं इसलिए और अधिक स्पष्टता एवं परिणाम के लिए पूरी कुंडली के सभी शेष ग्रहों की स्थिति, दशा एवं अन्तर्दशा, गोचर और जन्मकालीन योगों को भी देखना चाहिए और इसके लिए आप किसी शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं विश्वसनीय ज्योतिषी से समय रहते परामर्श प्राप्त कर सकते हैं...! 🙏🌹🌹🙏 अग्रिम शुभकामनायें ...! सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य कुंडली, नामशास्त्री, रंगशास्त्री, अंकशास्त्री, वास्तुशास्त्री, मुहूर्त --------------------------------------- केवल ज्योतिष - चमत्कार नहीं आत्मविश्वास बढ़ाएं - अन्धविश्वास भगाएं --------------------------------------- www.AstroShakti.in [email protected] www.facebook.com/AstroShakti