लग्न में लग्नेश (मिथुन में बुध)

लग्न में लग्नेश (मिथुन में बुध) ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि लग्नेश सदैव शुभ फल देता है और यदि वह लग्न में ही बैठा हो तो क्या कहना अर्थात सोने पे सुहागा वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है, लेकिन क्या ऐसा ही होता है या कितने प्रतिशत ऐसा हो पाता है...! जन्म कुंडली में मिथुन लग्न में लग्नेश बुध यदि लग्न में ही बैठा हो तो क्या-क्या हो सकता है, यह जानने का प्रयास करते हैं :- ------------------------ जन्म कुंडली में मिथुन लग्न में लग्नेश के रूप में बैठा बुध सामान्यतः अच्छे एवं सुखद परिणाम ही देता है, विशेषकर अपनी महादशा, अन्तर्दशाओं और गोचर में, मिथुन लग्न में बैठा बुध अपने अतिरिक्त मंगल या बृहस्पति या शुक्र या शनि या राहु के प्रभाव में हो सकता इसके अलावा सामान्यतः बुध अकेला नहीं होता है यह अधिकांशतः सूर्य और शुक्र के साथ ही रहता है, इसलिए बुध अपना पूरा परिणाम कभी नहीं दे पाता है, बुध यदि मिथुन लग्न में अकेला हो तो व्यक्ति व्यावसायिक बुद्धि वाला हो सकता है साथ ही जिद्दी, साहसी और जोखिम लेने वाला व्यक्तित्व भी हो सकता है, व्यक्ति का जीवन धनी, प्रतिष्ठा वाला, प्रभावशाली हो सकता है व्यक्ति तंत्र-मंत्र और गुप्त कार्यों में लिप्त रह सकता है व्यक्ति तार्किक बातों वाला और उपदेशक या वक्ता भी हो सकता है व्यक्ति का जीवन विलासिता वाला और वैभवशाली हो सकता है व्यक्ति अनैतिक कार्यों में भी लिप्त हो सकता है व्यक्ति एक साथ कई काम कर सकता है व्यक्ति तार्किक के साथ साथ कुतर्क करने वाला भी हो सकता है मिथुन लग्न में बुध योगकारक ग्रह के रूप में होता है साथ ही कुलदीपक और भद्रयोग का निर्माण भी होता है अर्थात ऐसा व्यक्ति धनी, साधन सम्पन्न एवं प्रतिष्ठा वाला हो सकता है ------------------------ ज्योतिष के बालादि अवस्था के अनुसार मिथुन राशि (जो एक विषम राशि है) में बुध 0 से 6 अंशों तक बाल अवस्था में, 18 से 24 अंशों तक वृद्ध अवस्था में और 24 से 30 अंशों तक मृत अवस्था में रहता है और इन अवस्थाओं में वह परिणाम देने में स्वाभाविक रूप से अक्षम ही होगा और ज्योतिष के एक अन्य नियम के अनुसार स्वराशि में होने के कारण यह बुध केवल 50% शुभ फल देने के लिए ही प्रतिबद्ध है, इसलिए यहाँ यह विरोधाभास का विषय भी है...! ------------------------ उपरोक्त संभावित परिणामों में राहु और केतु की अहम भूमिका होगी क्योंकि यह दोनों ग्रह केवल प्रतिकूल परिणाम ही देंगें, तब जब वह कुंडली या गोचर में बुध को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेंगें...! ------------------------ उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट होता है कि मिथुन लग्न में अपनी ही राशि में लग्नेश के रूप में बैठा बुध जो प्रत्यक्ष रूप से शक्तिशाली एवं शुभ दिखता है वह भी सुखद परिणाम देने में ज्यादातर पीछे क्यों रह जाता है इसलिए लग्न में यदि लग्नेश बैठा हो तो भी ज्यादा खुश होने की जरुरत नहीं है...! आवश्यकता है समय रहते किसी शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं विश्वसनीय ज्योतिषी से अपने लग्नेश अर्थात बुध के बारे में जानने और उसको समझने की...! 🙏🌹🌹🙏 अग्रिम शुभकामनायें ...! सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य कुंडली, नामशास्त्री, रंगशास्त्री, अंकशास्त्री, वास्तुशास्त्री, मुहूर्त -------------------------------- केवल ज्योतिष - चमत्कार नहीं आत्मविश्वास बढ़ाएं - अन्धविश्वास भगाएं www.AstroShakti.in [email protected] www.facebook.com/astroshakti

Written & Posted By : Subhash Verma Astrologer
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