जीवन में बाधा और देरी

जीवन में बाधा और देरी समस्याओं से ग्रस्त लगभग सभी लोगों की ज्योतिषी से सामान्यतः एक ही शिकायत या प्रार्थना रहती है कि "मेरे जीवन में बाधाएं बहुत ज्यादा आती है" या "हर काम में रुकावट ज्यादा आती है" या "परिणाम अत्यधिक देरी से प्राप्त होता है" अर्थात विलम्भ एवं बाधायुक्त जीवन, और वह इनसे जल्द से जल्द मुक्त होने का समाधान चाहता है जो कि किसी भी समस्या ग्रस्त व्यक्ति के लिए स्वाभाविक है, ऐसा क्यों होता है यह जानने और समझने का एक ईमानदार प्रयास करते हैं :- ------------------------ ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखा जाय तो :- (1 ) जब कभी भी षष्टेश या अष्टमेश या द्वादशेश का सम्बन्ध लग्न या लग्नेश से होगा तब ऐसी स्थिति बन सकती है या बनती है, और ऐसी स्थिति का माध्यम ज्योतिषीय महादशा, अन्तर्दशा, गोचर में से कुछ भी हो सकता है (2 ) जब कभी भी शनि या राहु का सम्बन्ध लग्न या लग्नेश से होगा तब ऐसी स्थिति बन सकती है या बनती है क्योंकि ये दोनों ग्रह देरी और बाधाओं के कारक हैं (3 ) जन्म कालीन योग की भी इसमें जबरजस्त भूमिका होती है जिसको लगभग सभी लोग (ज्योतिषी) सामान्यतः नजरअंदाज कर देते हैं, यह अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण है (4 ) जन्म कालीन या लग्न कुंडली में कई सारे कष्टकारी योग भी होते हैं जो गोचर या दशा के माध्यम से अपनी अपनी भूमिका निभाकर व्यक्ति के जीवन में बाधा या देरी का निर्माण करते रहते हैं (5 ) इस सम्बन्ध में जातक के जीवन में नकारात्मक वास्तु और नकारात्मक ऊर्जा की भी बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है या रहती है जिसको सामान्यतः कोई भी (ज्योतिषी एवं जातक) ध्यान नहीं देता है ------------------------ # ऐसे में जातक या समस्या ग्रस्त व्यक्ति को चाहिए कि वह समय रहते किसी शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं विश्वसनीय ज्योतिषी से ही परामर्श प्राप्त कर उसको ईमानदारी से चरितार्थ करने का प्रयास करे ------------------------ सामान्य व्यक्ति के दृष्टिकोण से देखा जाय तो :- (1) सम्बंधित व्यक्ति का स्वभाव अर्थात आत्मविश्वास में अति, जिद्दीपन, लोभ, डर, झूठी शान, अकड़पन, अहं भी इसका कारण हो सकता है (2) सम्बंधित व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक वास्तु और नकारात्मक ऊर्जा का स्तर बहुत ज्यादा होना भी इसका कारण हो सकता है (3) सम्बंधित व्यक्ति द्वारा लिया गया कोई गलत निर्णय या फैसला भी इसका कारण हो सकता है (4) सम्बंधित व्यक्ति द्वारा अपनी क्षमता, योग्यता एवं सामर्थ्य का सही आकलन ना कर पाना भी इसका कारण हो सकता है (5) सम्बंधित व्यक्ति द्वारा अपनी इच्छानुकूल परिणाम प्राप्ति के लिए किसी चमत्कार की आस में नित नए नए उपायों या कार्यों को करना भी इसका कारण हो सकता है (6) सम्बंधित व्यक्ति द्वारा बहुत कुछ खो कर, कुछ या थोड़ा (अनुभव या परिणाम) प्राप्ति की प्रवृत्ति भी इसका कारण हो सकता है ------------------------ # ऐसे में जातक या समस्या ग्रस्त व्यक्ति को चाहिए कि वह समय रहते विज्ञान,ज्योतिष एवं आध्यात्म के माध्यम से "नीयत और नियति" के अर्थ अर्थात खेल को जाने और समझे और यदि आवश्यक लगे तो समय रहते किसी शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं विश्वसनीय ज्योतिषी से ही परामर्श प्राप्त कर उसको ईमानदारी से चरितार्थ करने का प्रयास करे ------------------------ आज समाज में आत्मविश्वास बढ़े और अन्धविश्वास भागे इसी के सन्दर्भ में मैनें यह लेख अभी तक प्राप्त अपने ज्योतिष ज्ञान, ज्योतिष शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव, सामाजिक अनुभव, एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखने का या प्रस्तुत करने का एक ईमानदार प्रयास किया है...! 🙏🌹🌹🙏 अग्रिम शुभकामनायें ...! सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य कुंडली, नामशास्त्री, रंगशास्त्री, अंकशास्त्री, वास्तुशास्त्री, मुहूर्त ------------------------------ केवल ज्योतिष - चमत्कार नहीं आत्मविश्वास बढ़ाएं - अन्धविश्वास भगाएं www.AstroShakti.in [email protected] www.facebook.com/AstroShakti

Written & Posted By : Subhash Verma Astrologer
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