लग्न में लग्नेश (धनु में बृहस्पति)

लग्न में लग्नेश (धनु में बृहस्पति) "लग्नेश सदैव शुभ फल ही देता है" सामान्यतः हम सभी यही पढ़ते या सुनते आये हैं और यदि वह लग्न में ही बैठा हो तो क्या कहना अर्थात सोने पे सुहागा वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है लेकिन अक्सर या कभी कभी ऐसा फलित या घटित होते हुए भी नहीं देखा जाता है जन्म कुंडली में धनु लग्न में लग्नेश बृहस्पति यदि लग्न में ही बैठा हो तो क्या क्या संभावनाएं हो सकती हैं यह जानने का ईमानदारी से प्रयास करते हैं लेकिन इसको बिलकुल भी अंतिम फलादेश ना समझें या ना जानें :- ------------------------ 1. जन्म कुंडली में धनु लग्न में लग्नेश के रूप में बैठा बृहस्पति सामान्यतः अच्छे एवं सुखद परिणाम ही देता है और यहाँ तो यह अपनी स्वराशि में ही बैठा है इसलिए यह "हंस योग एवं केसरी योग" भी बना रहा है अर्थात आत्मविश्वास और पराक्रम युक्त व्यक्तित्व और ऐसे में यह स्वाभाविक ही है कि यह बृहस्पति अपनी महादशा, अन्तर्दशाओं और गोचर में भी सुखद परिणाम ही देगा 2. सदैव स्मरण रहे कि यह बृहस्पति द्वितीय, पंचम, नवम, दशम एवं एकादश भाव का कारक भी है अर्थात धन, शिक्षा, संतान, भाग्य, पिता, नौकरी और व्यवसाय एवं आय से सम्बंधित परिणाम इसी के अंतर्गत आते हैं इसलिए किसी के भी जीवन में इसका कितना महत्त्व है इसको आसानी से समझा जा सकता है 3. सामान्यतः ऐसे बृहस्पति वाले व्यक्ति का पारिवारिक जीवन अच्छा एवं खुशहाल ही रहता है 4. ऐसे बृहस्पति वाले व्यक्ति आत्मविश्वास की अधिकता के कारण दूसरों को अल्पबुद्धि या अज्ञानी साबित करने में लग जाते हैं जिस कारण से बहुत से अच्छे लोग इनसे अलग हो जाते हैं या किनारा कर लेते हैं और इनको इस बात का आभास भी नहीं हो पाता है 5. ऐसे बृहस्पति वाले व्यक्ति पर यदि राहु का प्रभाव पड़ता है तो व्यक्ति खुद ही अपना दुरूपयोग करने लग जाता है और कुटिलता वाली मानसिकता या प्रवृत्ति का शिकार हो जाता है ऐसे में परिणाम की कल्पना बहुत ही सहज है 6. ऐसे बृहस्पति वाले व्यक्ति यदि राहु के प्रभाव से मुक्त रहते हैं तो धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में इनकी स्वाभाविक रूचि होती है 7. आत्मसम्मान और सम्मान की भूख और कुछ कर गुजरने का जज्बा सबसे ज्यादा इनमें होता है इस कारण कभी कभी ये लोग अपनी वाणी और संयम भी खो देते हैं जिस कारण इनको हानि भी उठानी पड़ती है 8. ऐसा व्यक्ति यदि स्वयं पर एवं अपनी जिद्दी प्रवृत्ति और वाणी पर संयम रखे तो निःसंदेह जीवन में काफी ऊंचाई तक जा सकता है ------------------------ मैं एक बार पुनः यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि उपरोक्त वर्णित परिणामों को अंतिम फलादेश ना जानें या ना समझें अर्थात यह केवल कुछ संभावनाएं मात्र हैं, स्पष्ट फलादेश के लिए अपनी कुंडली को किसी शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं विश्वसनीय ज्योतिषी से दिखाकर ही परामर्श प्राप्त करें क्योंकि लग्नेश एवं स्वराशि के बृहस्पति के साथ और शेष सभी ग्रहों के कैसे सम्बन्ध हैं यह देखना भी जरुरी होता है, जन्म कुंडली में और नवमांश कुंडली में भी क्योंकि अधिकांशतः ग्रहों की स्थितियां भी कभी कभी बिलकुल बदल भी जाती हैं ------------------------ इसलिए लग्न कुंडली में लग्नेश के रूप में बृहस्पति भी बैठा हो तो भी ज्यादा खुश होने की भी जरुरत नहीं है और ना ही बिलकुल भी घबराने की जरुरत है बल्कि आवश्यकता है समय रहते किसी शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं विश्वसनीय ज्योतिषी से अपने लग्नेश अर्थात बृहस्पति के बारे में अधिक से अधिक जानने और उसको समझने की चाहे वह कुंडली में किसी भी स्थिति में क्यों ना हो ------------------------ आज समाज में आत्मविश्वास बढ़े और अन्धविश्वास भागे इसी के सन्दर्भ में मैनें यह लेख अपने अभी तक के प्राप्त ज्योतिषीय ज्ञान, ज्योतिषीय शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव, सामाजिक अनुभव, एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखा है 🙏🌹🌹🙏 अग्रिम शुभकामनायें सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य कुंडली, नामशास्त्री, रंगशास्त्री, अंकशास्त्री, वास्तुशास्त्री, मुहूर्त --------------------------------- केवल ज्योतिष - चमत्कार नहीं आत्मविश्वास बढ़ाएं - अन्धविश्वास भगाएं www.AstroShakti.in [email protected] www.facebook.com/AstroShakti

Written & Posted By : Subhash Verma Astrologer
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