ज्योतिष में मूल समस्या-III

ज्योतिष में मूल समस्या-III ज्योतिष से सम्बन्ध रखने वाले एवं इसके जानने वाले लोगों को यह अच्छी तरह मालूम है कि ज्योतिषी बनने के लिए किसी की भी जन्म कुंडली में कुछ विशेष योग एवं विशेष ग्रह स्थिति होती है । लेकिन आज इन्हीं लोगों ने कुकुरमुत्ते की तरह जगह जगह ज्योतिष सिखाने वाले संस्थान खोल रखे हैं जो 3/6/12/24 महीने में किसी को भी ज्योतिषी बनाने को तैयार बैठे हैं । चाहे वह 20 वर्ष का युवा हो या 60/70 वर्ष का बुजुर्ग हो । चाहे उसकी कुंडली में ज्योतिष बनने वाले योग एवं ग्रह स्थिति और ठीक दशा हो या ना हो । --------------------------------------------- स्वाभाविक रूप से इन ज्योतिष संस्थानों से सम्बंधित जो लोग होंगे उनका सम्बन्ध ज्योतिष से अवश्य होगा । ऐसे में यदि इन संस्थानों को ज्योतिषी बनाने वाले कारखाने कहा जाय तो कोई अतिशयोक्ति न होगी । और ऐसे में एक निश्चित समय के बाद इन संस्थानों से अधकचरा ज्ञान हासिल करके जब ये लोग ज्योतिषी के रूप में जनता के बीच अपनी "ज्योतिषीय उपायों की दुकान" चलायेंगें तो परिणाम क्या आएगा, यह बताने की आवश्यकता नहीं है । क्योंकि परिणाम हमारे सामने आते ही रहते हैं । आये दिन ऐसे ही लोगों का भंडाफोड़ सुनने एवं देखने में आता रहता है । ---------------------------------------------------- पहले जो ज्योतिषी अति पूज्यनीय होता था आज उसकी छबि एक ढोंगी एवं ठग की होती जा रही है । क्या इसके लिए ज्योतिषी लोग ज़िम्मेदार नहीं हैं ? मेरा मानना है कि सबसे अधिक यही लोग ज़िम्मेदार हैं । फिलहाल आने वाले समय में इस क्षेत्र में ह्रास निश्चित है । ऐसा नहीं है कि इस क्षेत्र में शिक्षित, ज्ञानी, सच्चे, समर्पित लोग नहीं हैं । लेकिन उनका प्रतिशत आज काफी कम है और इस कमी का क्रम ज़ारी रहेगा । ऐसे में इस क्षेत्र के लिए और इस क्षेत्र से सम्बंधित लोगों के लिए आने वाला समय कैसा होगा यह बताने की आवश्यकता नहीं है । अभी भी समय है शिक्षित, ज्ञानी एवं समर्पित लोगों को जनहित में आगे आना चाहिए, तभी स्थिति में कुछ सुधार संभव होगा । आम लोगों को मेरा परामर्श है कि "जीवन को समझने की कोशिश करें" और "जीवनचक्र एवं कर्मचक्र" को अधिक से अधिक जानने का प्रयास करें । ------------------------------------------------------ जो जीवन हमें मिला है वह हमारे कर्मों पर ही आधारित है । जो भाग्य में है वह भी कर्मों के माध्यम से ही मिलेगा । यदि जीवन में कोई चमत्कार होना है तो वह भी कर्म से ही मिलेगा । अर्थात जब सब कुछ कर्म पर ही आधारित है तो फिर इधर उधर भटकने की क्या आवश्यकता है । आप यदि कोई उपाय अपनाना ही चाहते हैं तो अपने इष्टदेव का ध्यान करें और केवल सात्विक उपाय ही अपनाएँ तथा जो आपके सामर्थ्य में हो और जिसे आप स्वयं कर सकें । विशेष परिस्थितियों को छोड़ कर । ----------------------------------------------- यहाँ मैं पूरी तरह से यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि "स्वयं को अच्छे से जानने के लिए" और "भविष्य या जीवन में किसी ठगी का शिकार ना बनें इसके लिए" या "जागरूकता के लिए" ज्योतिष सीखना अति उत्तम है, बिलकुल वैसे ही जैसे कि जीवन यापन के लिए शिक्षा आवश्यक है, बल्कि मेरा तो मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में समय रहते ज्योतिष अवश्य सीखना चाहिए इससे केवल लाभ ही मिलेगा हानि नहीं । हमें यहाँ यह नहीं भूलना चाहिए कि ज्योतिष से जीवन में स्पष्टता के साथ स्पष्ट दिशा भी मिलती है । -------------------------------------------------- खुशहाली या बदहाली, जो भी जीवन में है वह आकर रहेगी । यदि उपायों से ही सब कुछ संभव होता तो धन एवं बल से सम्पन्न लोगों के जीवन में कभी कोई समस्या आती ही नहीं । किसी सत्ताधारी की सत्ता कभी जाती ही नहीं । कोई राजा कभी रंक नहीं बनता । बलवान कभी हारता नहीं । जबकि सभी जानते हैं कि ऐसा नहीं है । -------------------------------------------------- आज समाज में आत्मविश्वास बढ़े और अन्धविश्वास भागे इसी के सन्दर्भ में मैनें यह लेख अपने प्राप्त ज्योतिष ज्ञान, ज्योतिष शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव, सामाजिक एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखा है । इस सम्बन्ध में यदि भ्रम की स्थिति हो और आवश्यक लगे तो किसी शिक्षित, ज्ञानी एवं अनुभवी ज्योतिषी से समय रहते परामर्श प्राप्त किया जा सकता है...! 🙏🌹🌹🙏 अग्रिम शुभकामनायें ...! सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य कुंडली, नामशास्त्री, रंगशास्त्री, अंकशास्त्री, वास्तुशास्त्री, मुहूर्त ------------------------------ केवल ज्योतिष - चमत्कार नहीं आत्मविश्वास बढ़ाएं - अन्धविश्वास भगाएं www.astroshakti.in [email protected] www.facebook.com/astroshakti

Written & Posted By : Subhash Verma Astrologer
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