ज्योतिष शक्ति

ज्योतिष शक्ति पहली बात यह कि मानव जीवन में बहुत कुछ पूर्व निर्धारित है और इसमें ज्यादा बदलाव संभव नहीं है अर्थात मानव खूँटें में बंधे एक बैल की तरह होता है अर्थात उसकी अपनी एक निश्चित सीमाएं होती हैं लेकिन उसको इन सीमाओं की जानकारी नहीं होती है, तभी तो कोई कितना भी प्रयास कर ले वह वो सब कुछ नहीं प्राप्त कर सकता जो वह सोचता या चाहता है, अर्थात जो कुछ भी वह प्राप्त करता है वह अपने कर्मों (संचित, प्रारब्ध एवं क्रियमान कर्म) के माध्यम से ही पाता है...! ------------------------ दूसरी बात यह कि कर्म को यदि ज्योतिष से मार्ग निर्देशन या दिशा मिल जाय और इसके साथ यदि यदि वास्तु और मुहूर्त को मिला दिया जाय तो निश्चित रूप से कुछ ज्यादा पाया जा सकता है परन्तु यह समय रहते सही ज्योतिषीय परामर्श से ही संभव है लेकिन बहुत कुछ खो कर कुछ प्राप्त करने ही इंसानी प्रवृत्ति यहाँ आड़े आ जाती है दूसरे शब्दों में ज्योतिष में इसी को नियति और आम मानस में इसको दुर्भाग्य (Bad Luck or Un Lucky) कहते हैं...! ------------------------ सदैव याद रखें कि कहते हैं कि यदि कोई कार्य सही समय पर या शुभ समय पर और एक सही दिशा में प्रारम्भ किया जाय तो उसकी सफलता की सम्भावना बढ़ जाती है इसके साथ ही यह भी याद रखना चाहिए कि भारतीय ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन में अधिकतम सुःख 40% और न्यूनतम दुःख 60% ही निर्धारित है और इसमें परिवर्तन केवल कर्म एवं ज्योतिष के माध्यम से ही संभव है, आवश्यकता है समय रहते ज्योतिषीय ज्ञान प्राप्ति की या किसी शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं विश्वसनीय ज्योतिषी से परामर्श प्राप्ति की...! ------------------------ आज इक्कीसवीं सदी में और इस विकसित वैज्ञानिक युग में हम यह कह सकते हैं कि ज्योतिष एक उच्च स्तर का ज्योतिषीय गणितीय विज्ञान (Astrological Mathematical Science) है क्योंकि ज्योतिष ही यह दावा कर सकता है कि समय की पुनरावृत्ति असंभव है और एक व्यक्ति के व्यक्तित्व जैसा दूसरा कोई व्यक्ति हो ही नहीं सकता, इसको हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि प्रचलित मान्यता के अनुसार विष्णु - राम - कृष्ण तीनों एक ही हैं लेकिन तीनों का चरित्र, रूप, कार्यशैली बिलकुल भिन्न भिन्न है । कारण केवल एक ही है समय और स्थान क्योंकि इन तीनों के अवतरित होने का समय और स्थान अलग हैं...! ------------------------ सुखद एवं सफल जीवन के लिए जीवन चक्र या कर्म चक्र को जानना एवं समझना आवश्यक है और इसके पश्चात ही कोई भी इंसान नीयत और नियति के अर्थ को समझ सकता है लेकिन सामान्यतः लगभग सभी लोग अपनी इच्छा या नीयत के अनुसार ही परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहते हैं और जब इसमें सफल हो जाते हैं तब अपने कर्म को ही श्रेय देते हैं लेकिन जब असफल हो जाते हैं तब अपने भाग्य को या किसी व्यक्ति विशेष को या व्यवस्था को ही दोष देने लग जाते हैं, जो किसी भी रूप में सही नहीं ठहराया जा सकता है...! ------------------------ निष्कर्ष यह कि यदि समय रहते ज्योतिष के महत्त्व को समझ लिया जाय या ज्योतिष की शक्ति को पहचान लिया जाय और इसके द्वारा प्राप्त दिशा पर कर्म किया जाय तो जीवन में काफी कुछ सुखद हो सकता है लेकिन इसको नजरअंदाज करके बहुत कुछ संभावित प्राप्तियों से वंचित होना पड़ सकता है, यहाँ यह नहीं भूलना चाहिए कि कोई भी प्राप्ति एक विशेष समय में ही महत्वपूर्ण होती है और उस समय के बाद उसका कोई महत्त्व नहीं रह जाता है, लेकिन इसके लिए समय रहते स्वयं ज्योतिष सीखना होगा या किसी शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं विश्वसनीय ज्योतिषी से परामर्श प्राप्त करना होगा...! ------------------------ आज समाज में आत्मविश्वास बढ़े और अन्धविश्वास भागे इसी के सन्दर्भ में मैनें यहाँ ज्योतिष का मानव जीवन में संक्षिप्त महत्त्व अपने प्राप्त ज्योतिष ज्ञान, ज्योतिष शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव, सामाजिक अनुभव, एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर देने का एक ईमानदार प्रयास किया है...! 🙏🌹🌹🙏 अग्रिम शुभकामनायें ...! सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य कुंडली, नामशास्त्री, रंगशास्त्री, अंकशास्त्री, वास्तुशास्त्री, मुहूर्त ---------------------------- केवल ज्योतिष - चमत्कार नहीं आत्मविश्वास बढ़ाएं - अन्धविश्वास भगाएं www.Astroshakti.in [email protected] www.facebook.com/AstroShakti

Written & Posted By : Subhash Verma Astrologer
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